नोनिया जाति सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक रुप से पिछड़ा हुआ है। हमारी स्थिति को देखते हुए सरकार को नोनिया जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करना चाहिए।

Team Nonia
09 Nov 2019
Politics

अपने स्थापना वर्ष 2006 से ही नोनिया जाति सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक रुप से पिछड़ा हुआ है। हमारी स्थिति को देखते हुए सरकार को नोनिया जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल करना चाहिए। उक्त बातें बिहार नोनिया कल्याण महासमिति के संस्थापक सह अध्यक्ष बिहारी लाल प्रसाद उर्फ लाल दरोगा महतो ने शनिवार को कही।

वे नगर के महाराजा पुस्तकालय के नेपाली सभागार में बिहार नोनिया प्रतिनिधि महासम्मेलन में प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने में विलंब हो रहा है। श्री प्रसाद ने यह बताया कि महासम्मेलन में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि अगर तीन महीने के अंदर सरकार नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने संबंधी कोई ठोस निर्णय नहीं लेती तो नोनिया समाज सरकार के विरुद्ध सड़क पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है लेकिन उस प्रस्ताव पर अभी तक ठोस कारवाई नहीं हुई है। कार्यक्रम में मंच संचालन जगमोहन कुमार व धन्यवादज्ञापन अनिल कुमार ने किया। कार्यक्रम को आनंद किशोर, नथुनी प्रसाद, कपिलदेव चौहान, नरेश कुमार महतो, प्रभुनाथ प्रसाद, बृजनंदन कुमार, प्रकाश कुमार, विजय कुमार चौधरी, सोनामती देवी, कलावती देवी, लीलावती देवी, मराछी देवी आदि ने अपने विचार रखे। मौके पर कृष्णा प्रसाद, किरानी महतो, अच्छेलाल महतो, दीपक कुमार, छेदी महतो, सत्यनारायण महतो, बिनोद कुमार, रवि कुमार, यमुना महतो, दुर्गा महतो, सुशील चौधरी, रमेश कुमार, जग्गू महतो, जटाशंकर महतो, आशा देवी, पिंकी देवी, पूजा देवी थी।