नोनीया जाती के लोगों द्वारा खाड़ी से सोड़ा और नमक बना रहे हैं। इतिहास गवाह है कि "सबसे पहले अंग्रेजो के विरुद्ध "नोनीया नोनीया विद्रोह " हुआ था, जिसका मुख्य केंद्र सारण (छपरा सीवान गोपालगंज), मुजफ्फरपुर मोतीहारी, और दरभंगा था, जो करीब १०० वर्षो तक

Team Nonia
17 Nov 2023
Nonia

ये तस्वीर १८०५ का है, छपरा जिला के कोठेंया और कोरिया गांव का है जिसमें ये दर्शाता है कि नोनीया जाती के लोगों द्वारा खाड़ी से सोड़ा और नमक बना रहे हैं। इतिहास गवाह है कि "सबसे पहले अंग्रेजो के विरुद्ध "नोनीया नोनीया विद्रोह " हुआ था, जिसका मुख्य केंद्र सारण (छपरा सीवान गोपालगंज), मुजफ्फरपुर मोतीहारी, और दरभंगा था, जो करीब १०० वर्षो तक संघर्ष हुआ, उस संघर्ष में नोनीया जाती के साथ उनके उप जातियां बिंद मल्लाह बेलदार जाती के सभी भाईयों ने साथ दिया। जो आज नोनीया विद्रोह के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों के दमनकारी नीतियों के कारण सैकड़ों वर्षों तक इस समाज का शोषण

होते रहा और इस आज़ाद भारत में भी इस समाज में अशिक्षा ब्यआप्त रहने के

कारण भिन्न-भिन्न समूहों में बंटकर शोषण का शिकार होते आ रहे हैं। हमारा वंशावली आदिवासी का है, फिर भी हमें सांवैधानिक मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।

अतः अब भी समय है हमें संगठित होकर अपने आदिवासी आरक्षण के लिए संघर्षरत रहना है।